Bihar Bhumi: बिहार में दाखिल-खारिज प्रक्रिया अब आसान, जान लें जरूरी दस्तावेज

Prabhat Khabar NaN days ago

Bihar Bhumi: दाखिल-खारिज जमीन से जुड़ी एक जरूरी कानूनी प्रक्रिया है. इसमें जमीन के मालिक का नाम सरकारी रिकॉर्ड में बदला जाता है. बिहार सरकार ने इसके लिए नियम और जरूरी कागजात तय किए हैं.

Bihar Dakhil Kharij
सांकेतिक फोटो

Bihar Bhumi: बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जमीन से जुड़े कामों को आसान बनाने के लिए दाखिल-खारिज की प्रक्रिया जरूरी है. दाखिल-खारिज का मतलब है जमीन के मालिक का नाम सरकारी रिकॉर्ड में बदलना. जब जमीन खरीदी जाती है, बेची जाती है, दान में दी जाती है या किसी की मृत्यु के बाद वारिस को जमीन मिलती है, तब दाखिल-खारिज कराना जरूरी होता है.

दाखिल- खारिज के लिए क्या-क्या जरुरी

दाखिल-खारिज के लिए कुछ जरूरी कागजात देने होते हैं. अगर जमीन खरीद-बिक्री, दान या बदले में ली गई है तो उसके लिए रजिस्टर्ड या इंडेक्स डीड होना जरूरी है. यह कागज साबित करता है कि जमीन का लेन-देन कानूनी तरीके से हुआ है.

अगर जमीन का बंटवारा हुआ है तो उसके लिए रजिस्टर्ड डीड से आपसी सहमति द्वारा बंटवारा या फिर सक्षम न्यायालय के आदेश से किया गया बंटवारा मान्य होता है. इससे यह स्पष्ट होता है कि किस हिस्से पर किसका अधिकार है.

यदि मामला उत्तराधिकार से जुड़ा है, यानी किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके वारिस को जमीन मिल रही है तो उत्तराधिकार से संबंधित बंटवारा शेड्यूल जरूरी होता है. इसके अलावा इच्छापत्र (Will) के आधार पर जमीन मिलने पर उत्तराधिकार प्रमाणपत्र देना होता है.

Image 258
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जारी निर्देश

कोर्ट का आदेश भी जरूरी

कई मामलों में जमीन की बिक्री पर कोर्ट का आदेश भी जरूरी हो सकता है. ऐसे मामलों में कोर्ट का आदेश और बेचने का लगान रसीद दाखिल करनी होती है. यह बताता है कि जमीन का टैक्स समय पर दिया गया है.

इसके साथ ही खरीदने वाला और बेचने वाला का आधार कार्ड भी जरूरी दस्तावेज है. इससे पहचान सही तरीके से की जा सकती है. दाखिल-खारिज कराने से जमीन से जुड़े भविष्य के विवाद कम होते हैं और सरकारी रिकॉर्ड में सही मालिक का नाम दर्ज हो जाता है.