Good News For Kisan : झारखंड के किसानों को जल्द मिल सकती है खुशखबरी, सिंचाई के लिए बनेगी नीति

Prabhat Khabar NaN days ago

Good News For Kisan : राज्य के जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने कहा कि किसान मेहनत नहीं करना चाहते हैं. सरकार के भरोसे खेती नहीं हो सकती है. पानी रोकने के लिए सिविल सोसाइटी के साथ बैठक करेंगे.

Good News For Kisan
सिंचाई के लिए बनेगी नीति (Photo: AI)

Good News For Kisan : झारखंड के जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने कहा कि हम भी किसान हैं. पुरखों से किसानी कर रहे हैं. खूब अनाज भी उपजाते हैं. लेकिन, सरकार के भरोसे नहीं रहते हैं. खेती सरकार के भरोसे नहीं हो सकती है. इसके कई उदाहरण हैं. आदिवासी खुद गांव में डोभा बनाते हैं. खेती करते हैं. राज्य में पानी की कमी नहीं है. लेकिन, इसको रोकना होगा. इसके लिए सिंचाई नीति बनायेंगे. मुख्यमंत्री के साथ सिविल सोसाइटी के लोगों के साथ मिलकर बैठेंगे.

मंत्री अंसारी रविवार को कांके के विश्वा सभागार में झारखंड में समावेशी जल प्रबंधन और जलवायु अनुकूल कृषि पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला में बोल रहे थे. मंत्री ने कहा कि खेती करने का अब पुराना जमाना नहीं रहा. खेती में भी किसान समय नहीं देना चाहते हैं. अब मेहनत नहीं करना चाहते हैं. वह चाहते हैं कि सब जल्दी हो जाये. ऐसा नहीं हो सकता है.

जल है, पर प्रबंधन ठीक नहीं

हार्प प्लांडू के पूर्व प्रधान डॉ शिवेंद्र कुमार ने कहा कि झारखंड में 1100 से 1300 मिमी के आसपास बारिश होती है. एक फसल के लिए 300 से 400 मिमी बारिश चाहिए. झारखंड में जितनी बारिश होती है, उससे हम तीन फसल ले सकते हैं. लेकिन, खरीफ के बाद रबी में खेत खाली रह जाता है. असल में पानी का प्रबंधन ठीक नहीं है.

पर्यावरण को सुरक्षित रखेंगे, तो जल भी व्यवस्थित रहेगा

पद्मश्री चामी मुर्मू ने कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित रखेंगे, तो जल भी व्यवस्थित रहेगा. जल नहीं रहेगा, तो संस्कृति और परंपरा को भी नुकसान होगा. घनश्याम ने कहा कि सिंचाई की समुचित व्यवस्था पर नीति के लिए वन, ग्रामीण विकास, कृषि, जल संसाधन व भू राजस्व विभाग को एक साथ बैठना चाहिए. समाजसेवी बलराम ने कहा कि कोई भी नीति क्षेत्र को ध्यान में रखकर बनायी जानी चाहिए. इसमें जन भागीदारी होनी चाहिए. इस मौके पर सौरव, सतीश टुडू, वामिका सिन्हा, वर्णाली, सालेम मार्डी व नसरीन ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम का संचालन प्रदान के प्रेम शंकर ने किया.