IPL का ट्रायल छूटा, दिल टूटा… फिर काव्या मारन के भरोसे ने बदल दी जिंदगी, 200 रुपये हर रोज कमाकर बना क्रिकेटर

tv9hindi NaN days ago

Kavya Maran- Amit Kumar: आईपीएल 2026 के ऑक्शन में कई खिलाड़ियों की किस्मत चमकी. उन्हीं में से एक बिहार के रोहतास जिले से आने वाले अमित कुमार भी रहे. घरेलू क्रिकेट में झारखंड से खेलने वाले अमित को काव्या मारन की फ्रेंचाइजी ने खरीदा.

IPL का ट्रायल छूटा, दिल टूटा... फिर काव्या मारन के भरोसे ने बदल दी जिंदगी, 200 रुपये हर रोज कमाकर बना क्रिकेटर
SRH ने अमित कुमार को खरीदा (Photo: PTI)

हाल ही में जब देश भर में फ्लाइट कैंसिल हो रहे थे तो उसकी जद में आने से अमित कुमार भी नहीं बच सके थे. झारखंड के लिए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेल रहे लेग स्पिनर अमित कुमार को काव्या मारन की फ्रेंचाइजी सनराइजर्स हैदराबाद ने ट्रायल के लिए बुलाया था. लेकिन, जिस फ्लाइट से उन्हें जाना था वो कैंसिल हो गई. नतीजा ये हुआ कि उनका IPL ट्रायल भी छूट गया. 23 साल के अमित कुमार के लिए ये दिल टूटने वाली बात थी और हुआ भी ऐसा ही. IPL 2026 को लेकर SRH का ट्रायल छूटने से अमित कुमार मायूस से हो गए. क्योंकि, उन्हें लगा कि अब IPL ऑक्शन में बिकने का मौका गया.

काव्या मारन की SRH ने अमित को खरीदा

लेकिन, अमित कुमार को ये नहीं मालूम था कि

काव्या मारन और SRH का भरोसा उन पर पहले ही बन चुका था. उनकी प्रतिभा ट्रायल से पहले ही परखी जा चुकी है. उसी भरोसे का नतीजा रहा कि अबू धाबी में 16 दिसंबर 2025 को सजी खिलाड़ियों की मंडी में सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें उनके बेस प्राइस यानी कि 30 लाख रुपये में खरीद लिया.

वो मशहूर नेट बॉलर जो अब खेलेगा IPL

अब सवाल है कि जिन अमित कुमार पर काव्या मारन और उनकी फ्रेंचाइजी को इतना भरोसा हैं, वो चीज क्या हैं? सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 में वो झारखंड से खेलते तो दिखे लेकिन उनकी पहचान कायम कैसे हुई? वो क्रिकेटर बने कैसे? रांची के गलियारों में नेट बॉलर के तौर पर अमित कुमार का नाम आम है. जब भी वहां इंटरनेशनल मैच होते तो उन्हें बुलाया जाता. उनकी कमाल की लेग स्पिन ने दुनिया के कई दिग्गज खिलाड़ियों को प्रभावित किया है. केशव महाराज, ग्लेन मैक्सवेल, प्रवीण तांबे वो खिलाड़ी हैं, जिन्होंने उनकी तारीफ भी की है.

हर रोज 200 रुपए कमाकर सपनों को दी उड़ान

अमित के क्रिकेटिंग जर्नी की बात करें तो वो बिहार के हमीरपुर जिले से शुरू होकर रांची पहुंचती है. भारत की 2011 वर्ल्ड कप की जीत से प्रभावित होकर अमित कुमार ने क्रिकेटर बनने का सपना देखा. अपने इस सपने को लेकर रांची पहुंचे अमित ने वहां लोकल एकेडमी जॉइन की. अब क्रिकेट एकेडमी में दाखिला तो ले लिया लेकिन उसकी फीस भरने के लिए पैसे भी चाहिए थे. ऐसे में वो लोकल ग्राउंड्समैन के असिस्टेंट बन गए और जिले स्तर पर होने वाले मैचों में पिच बनाने में मदद करने लगे. अमित को इस काम के लिए हर रोज 200 रुपये मिलते थे.