Bihar News: पुनौराधाम के पास बसेगा सीतापुरी शहर, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने और क्या कहा?

Prabhat Khabar NaN days ago
Bihar News Sitapuri city built near Punauradham
पुनौराधाम में बसेगा सीतापुरी शहर

Bihar News: सीतामढ़ी के पुनौराधाम में सीतापुरी शहर बसने वाला है. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा, अगले दो सालों में इंटरनेशनल उड़ानों की लैंडिंग शुरू हो जायेगी. सीतापुरी शहर भी बेहद खास होने वाला है.

Bihar News: पर्यटन की दृष्टि से बिहार के सीतामढ़ी जिले का विकास किया जा रहा है. उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि माता सीता के जन्म स्थान पुनौराधाम में भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. मंदिर निर्माण के बाद उसके पास एक भव्य, आधुनिक, सुव्यवस्थित और विकसित शहर बसाया जायेगा, जिसे सीतापुरी के नाम से जाना जायेगा.

सीतापुरी शहर बसने से पर्यटन को बढ़ावा

सीतापुरी शहर के बसने से सीतामढ़ी में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की पूरी संभावना जताई जा रही है. पहले तो भव्य सीता मंदिर का निर्माण होने वाला है. इसके साथ ही सीतापुरी शहर के विकसित होने से यह जिला लोगों के लिये आकर्षण का केंद्र बन सकता है. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने एक कार्यक्रम के दौरान यह पूरी जानकारी दी.

राज्य सरकार का क्या है लक्ष्य?

सम्राट चौधरी ने यह भी कहा, बिहार में अगले एक से दो सालों में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की लैंडिंग शुरू हो जायेगी. इसके लिए एयरपोर्ट के इन्फ्रास्ट्रक्चर और रनवे के विस्तार पर बड़े स्तर पर काम चल रहा है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच सालों में मजबूरी में मजदूरी के लिए बिहार से बाहर जाने वाले लोगों को अपने ही राज्य में रोजगार उपलब्ध कराया जाए.

बिहार में ही मिलेगा रोजगार

इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग बेहतर नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में गये हैं, वह बिहार के लिए गर्व की बात है. लेकिन जो लोग मजबूरी में मजदूरी करने बाहर जाते हैं, उन्हें हर हाल में बिहार में ही सम्मानजनक रोजगार दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि भारत अब केवल आचार-व्यवहार का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि एक मजबूत राष्ट्र के रूप में दुनिया के सामने उभर रहा है.

कोसी इलाके का किया जिक्र

अमेरिका सहित कई देशों से लोग भारत यात्रा के लिए आ रहे हैं. कोसी इलाके का जिक्र करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और खगड़िया जैसे इलाके लंबे समय तक बाढ़ से प्रभावित रहे हैं. पिछले 20 सालों में लगभग 10 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित किया गया है.