Shakuni Mama Temple: आधा भारत नहीं जानता कि देश के इस राज्य में होती है शकुनि मामा की पूजा, वजह जानकर चौंक जाएंगे
Shakuni Mama Temple: भारत में एक ऐसा राज्य है, जहां शकुनि की पूजा की जाती है. जी हां, कौरवों के मामा शकुनि की. वे महाभारत के कुख्यात पात्रों में से एक माने जाते हैं. कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध के पीछे उनका बहुत बड़ा हाथ था. ऐसे में सवाल उठता है कि इस राज्य में उनकी पूजा क्यों की जाती है? आइए जानते हैं.
Shakuni Mama Temple: शकुनि मामा का नाम तो आपने जरूर सुना होगा. महाभारत का युद्ध रचने वालों में शकुनि मामा को एक प्रमुख पात्र माना जाता है. उनकी कूटनीति के सामने बड़े-बड़ों ने घुटने टेक दिए थे. शकुनि मामा की कूटनीतियों के कारण ही पांडवों को समय-समय पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
वे ही थे जिनके छल-कपट के कारण पांडवों को अपना राज्य छोड़कर वनवास में जाने को मजबूर होना पड़ा. लोग उन्हें एक शातिर और षड्यंत्र रचने में माहिर व्यक्ति के रूप में जानते हैं. इसी कारण उन्हें अधिकतर एक नकारात्मक पात्र के रूप में देखा जाता है. लेकिन भारत में एक ऐसा स्थान भी है, जहां शकुनि मामा का मंदिर बनाया गया है और उनकी पूजा की जाती है. आइए जानते हैं यह जगह कौन-सी है और लोग यहां उनकी पूजा क्यों करते हैं.
शकुनि मामा का मंदिर
भारत के केरल राज्य के कोल्लम जिले में शकुनि मामा का एक मंदिर स्थित है. इस मंदिर को मयमकोट्टू मलंचारुवु मलनाड मंदिर के नाम से जाना जाता है. यहां लोग शकुनि मामा की विधि-विधान से देवता के रूप में पूजा करते हैं.मान्यता है कि यहां सच्चे मन से पूजा करने पर साधकों के जीवन से कष्ट दूर होते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
शकुनि मामा मंदिर से जुड़ी कथा
मान्यता है कि जब महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ, तब हजारों-लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके थे. यह देखकर शकुनि को अपने कर्मों पर गहरा पछतावा हुआ. उन्हें एहसास हुआ कि उनके प्रतिशोध के कारण कई माताओं ने अपने पुत्रों को खो दिया.
यह भावनाएं शकुनि को भीतर से विचलित करने लगीं. इसके बाद वे राज्य छोड़कर केरल के कोल्लम पहुंचे और अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए भगवान शिव की कठोर तपस्या की.
शकुनि की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और उन्हें वरदान मांगने को कहा. तब शकुनि ने वरदान मांगा कि महाभारत के युद्ध में जितने भी निर्दोष लोगों ने अपने प्राण गंवाए हैं, उन सभी आत्माओं को मोक्ष प्रदान किया जाए. भगवान शिव ने उन्हें यह वरदान प्रदान किया.इसी कारण इस स्थान पर शकुनि मामा की पूजा की जाती है और उन्हें श्रद्धा के साथ स्मरण किया जाता है.