Bhojpur: साढ़े चार लाख में हुआ था ममता का सौदा, बिहार पुलिस ने बरामद किया नवजात
Bhojpur: भोजपुर जिले के नारायणपुर गांव में नवजात शिशु की खरीद-बिक्री के मामले का खुलासा हो गया. पूछताछ में पता चला कि नवजात को झारखंड निवासी महिला को बेचा गया था. झारखंड में पुलिस दबिश के बाद महिला स्वयं बच्चे को लेकर थाने पहुंची और गिरफ्तारी सुनिश्चित हुई.
Bhojpur: भोजपुर जिले के नारायणपुर गांव में नवजात शिशु की खरीद-बिक्री के मामले का खुलासा हो गया. पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया और सभी आरोपित गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया. शनिवार को झारखंड निवासी महिला पूनम शर्मा, जो नवजात को खरीदने वाली थी, खुद गड़हनी थाना पहुंची और बच्चे को गोद लेकर पुलिस के समक्ष पेश किया. पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि नवजात शिशु के सौदे में उसने साढ़े चार लाख रुपए का भुगतान किया था.
बेटे और बहू को अलग करने के लिए
मामला तब उजागर हुआ जब नारायणपुर गांव निवासी चितरंजन कुमार और उनकी पत्नी खुशबू कुमारी का सात दिसंबर को बेटा जन्मा. चितरंजन और खुशबू का प्रेम विवाह था, जिससे नाराज खुशबू की सास क्रिंता देवी ने बच्चे को जन्म के तुरंत बाद पड़ोसी महिला कविता शर्मा और उसकी रिश्तेदार होमगार्ड सिपाही चांदनी शर्मा की मदद से ग्रामीण चिकित्सक डॉ. दिलीप उर्फ हरिशंकर पंडित को 50,000 रुपये में बेच दिया. इसका उद्देश्य बेटे और बहू को अलग करना था.
मामले में अब तक 4 गिरफ्तार
घटना की जानकारी मिलते ही खुशबू कुमारी गड़हनी थाने पहुंची और प्राथमिकी दर्ज करायी. थानाध्यक्ष कमलजीत ने बताया कि प्राथमिकी के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए क्रिंता देवी, कविता शर्मा, चांदनी शर्मा और डॉक्टर की सहयोगी प्रीति कुमारी को गिरफ्तार किया. इसके बाद पुलिस ने डॉ दिलीप को सरेंडर कराया, जिनकी निशानदेही पर औरंगाबाद और पीरो से दो अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया.
झारखंड निवासी महिला को बेचा गया था नवजात
पूछताछ में पता चला कि नवजात को झारखंड निवासी महिला को बेचा गया था. झारखंड में पुलिस दबिश के बाद महिला स्वयं बच्चे को लेकर थाने पहुंची और गिरफ्तारी सुनिश्चित हुई. आरोपित गिरोह बिहार और झारखंड के कई जिलों में बच्चे की खरीद-बिक्री में शामिल था. पूछताछ में यह भी सामने आया कि गिरोह द्वारा बच्चों को चोरी कर या खरीदकर जरूरतमंदों को लाखों रुपए में बेचा जाता है. थानाध्यक्ष ने बताया कि पुलिस अब गिरोह के सभी सदस्यों के कलेक्शन और पूर्व में अंजाम दी गयी घटनाओं की जांच कर रही है और आवश्यकता पड़ने पर सभी को रिमांड पर लेकर विस्तार से पूछताछ की जा सकती है.
बच्चे को देख भावुक हुई मां
नवजात की बरामदगी के बाद खुशबू कुमारी भावुक हो गयी और बच्चे को गले लगाकर पुलिस टीम को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस की तत्परता के कारण उनका बच्चा सुरक्षित वापस मिल गया, जो उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है. इस कार्रवाई से मानवता को शर्मशार करने वाली इस घटना का पर्दाफाश हुआ और आरोपी गिरोह के सारे सदस्य गिरफ्तार किये गये. थानाध्यक्ष कमलजीत ने स्पष्ट किया कि नवजात की खरीद-बिक्री में शामिल गिरोह के तार बिहार से झारखंड तक जुड़े हुए हैं. गिरोह के सदस्य अपनी मांग पूरी करने के लिए बच्चों की अवैध खरीद-बिक्री करते थे. पुलिस की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई से पूरे मामले की गुत्थी सुलझायी गयी है और बच्चे को सुरक्षित परिजनों के पास सौंप दिया गया. इस कार्रवाई से इलाके में कानून व्यवस्था की सख्ती और पुलिस की तत्परता का संदेश गया है.